संघ के प्रमुख उद्देश्य

  1. न्यायिक कार्यों के कुशल संपादन में अपना सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए प्रत्येक नागरिक तक न्याय पहुंचाने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करना तथा शासकीय दायित्वों, संवैधानिक कर्तव्यों के प्रति सजग रहते हुए राष्ट्र हित में अपने जीवन को समर्पित करना।
  2. भारतीय न्यायपालिका की गरिमा और प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिये सदैव तत्पर रहना।
  3. न्यायिक कर्मचारीगण, वादकारियों एवं अधिवक्ता बंधुओं की समस्याओं का अध्ययन करना, यथोचित सुझाव देना एवं उनका निराकरण करवाने हेतु सार्थक प्रयास करना।
  4. प्रदेश के अधीनस्थ न्यायालयों में अनुशासित, संगठित, स्वाभिमानी, सत्यनिष्ठ एवं कर्मठ न्यायिक कर्मचारीगण की अवधारणा को स्थापित करना।
  5. राष्ट्र एवं प्रदेश हितों को सर्वोपरि रखते हुए संगठन को पूर्ण लोकतांत्रिक पद्धति से संचालित करते हुए कर्मचारी हितों के लिये प्रतिबद्ध रहना। संघ के विधान के अनुसार जिला शाखा एवं प्रदेश के कार्यकारिणी के संगठानात्मक निर्वाचन, पूर्ण जनतांत्रिक व्यवस्थानुसार समयबद्ध सम्पन्न कराना।
  6. प्रदेश के प्रत्येक न्यायिक कर्मचारीगण की सामूहिक समस्याओं को संज्ञान में लेकर स्थानीय स्तर पर अथवा प्रदेश स्तर पर निस्तारित करवाने का यथोचित प्रयास करना एवं ‘‘सशक्त संगठन-सशक्त’’ कर्मचारी की अवधारणा को धरातल पर लाने हेतु हर सम्भव प्रयास करना।