भारतीय लोकतंत्र में न्यायपालिका जैसे महत्वपूर्ण स्तम्भ के नींव के पत्थर के रूप में हम सभी का योगदान
आम जनता को सुलभ
न्याय दिलवाने में कम नही है। अधीनस्थ न्यायालय कर्मचारियों के अथक प्रयास से देष का वादकारी सुलभ न्याय
पाने में समर्थ हो
पा रहा है।
  साथियों आज के समय की मांग है कि हम सभी अपने क्षुद्र स्वार्थ का त्याग करते हुए बन्धुत्व
भावना से ओत-प्रोत होकर
एक-दूसरे का सहयोग करके ही अपने उद्देष्यों को प्राप्त करने में सफल हो सकते हैं। प्रायः देखा जा रहा है
कि हमारा समाज आपस
में अपने क्षुद्र स्वार्थों में उलझ कर अपने ही लोगों से मनोमालिन्वता रखकर एक दूसरे को नीचा दिखाने का
प्रयास करते हैं। यह
हमारे संगठन के लिये शुभ संकेत नही बल्कि पूर्णतया घातक है। संगठन को विखंडित करने वाली शक्तियां सक्रिय
होकर दमनात्मक
स्वरूप में जन्म ले लेती है। जिसके लिये हम आप ही उत्तरदायी है। मैं आहवान करता हूं कि आइए हम सब
संकीर्ण मानसिकता से ऊपर
उठकर सुनहरे भविष्य का निमार्ण करें।
  वर्तमान में हमारे कर्मचारी साथी अनेकों समस्याओं से ग्रसित हैं जहां अन्य प्रतिष्ठानों में
विषिष्ट सेवा लाभों से
कर्मचारियों की स्थिति दिन प्रतिदिन उत्कर्ष की ओर अग्रसर है वहीं हमें मिल रहे सेवा लाभों से शासन की
नीतियों के कारण वंचित
होना पड़ रहा है। पदोन्नति के अवसरों का नितान्त अभाव है। जबकि इसके प्रतिकूल प्रत्येक कर्मचारी पर कार्य
का बोझ दिन प्रतिदिन
बढ़ रहा है।
  आइए हम सभी मिलजुल कर स्नेह एवं त्याग की भावना का संचार करते हुए अपने अधिकारों ‘जो कि
संविधान द्वारा आच्छादित
है’ को सुरक्षित व संरक्षित करते हुए सार्थक दिषा में कदम से कदम मिलाते हुए आगे बढें।
संगठन के छः मूल मंत्र :-
जय संघ!
( सैय्यद मोहम्मद ताहा )
प्रांतीय उपाध्यक्ष
दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश