दोस्तों हमें लगता है कि कोई आएगा और हमारी सारी समस्याओं का समाधान कर देगा यही विचार हम अपने कार्य क्षेत्र के विषय में भी सोचते हैं और चाहते हैं कि कोई आगे बढ़कर हमारी समस्याओं का समाधान करें यद्यपि मैं मानता हूं कि संघ का दायित्व है कि वह अपने कर्मचारियों की सभी समस्याओं का समाधान करें मगर हमें यह भी समझना होगा कि संघ किन्हीं बाहरी व्यक्तियों से नहीं बना इसके पदाधिकारी आपके बीच के ही कर्मचारी हैं और उन्हें उन्हीं परिस्थितियों में कार्य करना होता है जिन परिस्थितियों में आप कार्य कर रहे हैं । उन्होंने आपकी आवाज उठाने का लिए और संघर्ष करने के लिए दायित्व लिया है । दोस्तों संघ के पास कोई वैधानिक शक्ति नहीं है संघ के पास उतनी ही शक्ति है जितनी आप उसे प्रदान करते हैं मैं मानता हूं कि यह एक हवन के समान है इस हवन में जितनी आहुति पड़ेगी हवन की अग्नि उतनी ही प्रजवलित होगी दोस्तों वर्तमान परिवेश में हमारी जो भी समस्याएं हैं उसके समाधान के लिए संघ के अतिरिक्त हमारे पास कोई विकल्प नहीं है इसलिए मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं व आह्वान करता हूं कि आप सभी आगे बढ़ कर संघ का सहयोग करें, संघ से जुड़े, जिन जिलों में संगठन नहीं है वहां संगठन से जोड़कर उसका पुनर्गठन करें संघ के किसी भी आह्वान पर अपनी सक्रिय भूमिका निभाए। दोस्तों हमें सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए संघर्ष करना है। साथियों महात्मा गांधी जी ने कहा था कि कोई भी संगठन तब तक सुचारू रूप से कार्य नहीं कर सकता जब तक वह आर्थिक रूप से स्वावलंबी नहीं बन जाता हमें अपने संगठन को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना होगा पूरे प्रदेश के सभी न्यायिक कर्मचारी प्रतिवर्ष मात्र 100ध्. का योगदान प्रदेश संघ को प्रदान करें तो संघ के पास धन की कभी कोई कमी नहीं पड़ेगी। मुझे लगता कि प्रतिवर्ष 100ध्.तो हम अपने संघ को दे ही सकते हैं। दोस्तों हमें सोचना होगा कि शासन द्वारा दिए गए लाभों से हम क्यों वंचित रह गए इस विषय में मुझे लगता है कि इसका सबसे बड़ा कारण हमारा संगठित नहीं हैं और जब तक हम संगठित नहीं होंगे हम ऐसे ही उपेक्षित रहेंगे। शेट्टी कमीशन की सिफारिशों को लागू कराने के लिए संघ को उच्च न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय तक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं उसके बाद भी अभी तक हमें संपूर्ण लाभ नहीं मिल सका, के एल शर्मा समिति की रिपोर्ट शासन में वर्षों से लटकी है उसे अभी तक लागू नहीं किया गया और आज हम इस स्थिति में भी नहीं है कि हम अपनी मांगों के लिए एक दिन का सामूहिक कार्य बहिष्कार भी कर सकें। शेट्टी कमीशन की सिफारिशों को लागू करने के लिए संघ उच्च न्यायालय की शरण में है और के एल शर्मा समिति की रिपोर्ट लागू कराने के लिए संघ जल्दी ही न्यायायिक प्रक्रिया अपनाने जा रहा है । दोस्तों यह तो बड़ी समस्या है मगर जिलों में जो हमारी रोज की समस्या है उसके समाधान के लिए हमें जिला शाखा को खड़ा करना होगा और उसे अपनी सहभागिता से उसे मजबूत करना होगा। दोस्तों अंत में मैं आप सभी से संघ से जोड़ने के आहृवान के साथ इन शब्दों के साथ अपनी लेखनी को विराम देना चाहूंगा कि..................
हौसले बुलंद होंगे तो बुलंदी मिलती है।
बढ़ के थाम सके तो जिंदगी मिलती है।।
जय संघ !
(अभिषेक सिंह)
वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष
दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ उ0प्र0